SSPU छात्रों के छत्रावास के खाने में लार्वा और बाल
पिछले साल ऐसी कई घटनाएं घटी।
SSPU विश्वविद्यालय में लड़कियों के मेस में फिर से खाने की प्लेट में मिलाए गए लार्वा और बाल।
सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच मेस में लार्वा, कॉकरोच, प्लास्टिक, बाल आदि सामान की खरीदारी अब कोई नई बात नहीं रह गई है। पिछले साल ऐसी कई घटनाएं घटी। इन सभी आयोजनों पर नियंत्रण के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो “उपहारगृह” और “भोजनगृह स्कूल” और “भोजनगृह स्कूल” का गठन किया, जिसमें प्रोफेसर और कैंटीन गुणवत्ता नियंत्रण समिति शामिल है, जिसमें छात्र भी शामिल हैं। इस समिति के छात्र प्रतिनिधि कभी-कभार कैंटीन में आते हैं। भोजन की गुणवत्ता की जांच की जाती है, लेकिन शिक्षक प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष के अलावा अन्य सहयोगियों के मेस में जांच की जाती है? यह शोध का विषय है।
आज 9 मार्च 2024 को सुबह एक बार फिर गर्ल्स मेस में एक इलेक्ट्रानिक्स के पोहा प्लेट के ताले और उपिट के प्लेट में बाल देखे गए। विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों पर स्थायी कदम उठाना चाहिए। ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहती हैं। इसके खिलाफ सभी छात्र संगठनों ने आवाज उठाई है। आवाज उठाने से संबंधित मेस चालक को बदला जाता है। एक नया मैन, मेस ड्राइवर आता है। लेकिन भोजन की गुणवत्ता में बदलाव नहीं होता है।
छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन से प्रशिक्षित छात्रों की इस पर एक स्थायी यात्रा मिलती है, जिससे छात्रों को अच्छे प्रवेश का खाना मिलता है। अन्यथा अगर ऐसे घटिया खान-पान से छात्रों की जान को कोई खतरा होता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। ऐसी चेतावनी राहुल ससाने (सदस्य – विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष कार्रवाई समिति और सदस्य – भोजनगृह गुणवत्ता नियंत्रण समिति 9823810301) ने दी है।