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2024 में देश में सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ तो गृहयुद्ध हो जाएगा

लोकतंत्र के खंभे ढह गए; देश तानाशाही की ओर अग्रसर - राजरत्न अम्बेडकर

रायगढ़ जिले में दो दिवसीय भीम महोत्सव 2024 का समापन हुआ ।

प्रतिनिधी – धम्मशील सावंत :- रायगढ़: लोकतंत्र के खंभे टूट रहे हैं और देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है. भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और डॉ. को चिंता है कि पाठ्यक्रम से ऐसे गुलाम पैदा होंगे जिन्हें बचपन से ही मनुस्मृति पढ़ाने में मजा आएगा। बाबा साहब अम्बेडकर के प्रपौत्र राजरत्न अम्बेडकर ने व्यक्त किये। रायगढ़ जिले के कर्जत में, सालाबाद की तरह, सभी बहुजन भाई एक साथ आए। 31 मई और 1 जून 2024 को दो दिवसीय भव्य दिव्य आसा भीम उत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर वह मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे।

इसके साथ ही राजरत्न अंबेडकर ने यह भी कहा कि डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का कथन है कि शिक्षा ऐसे लोगों को मिलनी चाहिए जो जाति व्यवस्था और वर्ण व्यवस्था को उखाड़ फेंके। जो लोग मनुस्मृति और वर्ण व्यवस्था लागू करेंगे वे इस व्यवस्था को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। मनुस्मृति को पाठ्यपुस्तक में लागू किया गया है क्योंकि इस देश में मनुस्मृति के समर्थक तैयार किये जायेंगे। डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर कहते थे कि, गुलाम को गुलामी का एहसास कराओ ताकि वह विद्रोह कर दे, आज हालात देखो, मनुस्मृति को लागू कर मनुस्मृति के समर्थकों को खड़ा किया जाता है, अब धार्मिक शिक्षा एक ऐसी पीढ़ी तैयार करने का प्रयास है जो बचपन से ही गुलामी का आनंद उठाये . पहले शिक्षा के क्षेत्र में आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील निकलते थे, अब शिक्षा व्यवस्था से आरएसएस के कार्यकर्ता निकलते हैं।

साथ ही उन्होंने कहा, जब हम छात्र थे, तो हम प्रशासन और कॉलेज के खिलाफ लड़ते थे कि हमें किताबें और व्याख्यान नहीं मिल रहे थे, लेकिन अब मुद्दे यह हैं कि हिजाब पहनें या भगवा न पहनें चिंता यह है कि घरों में सहायक कार्यकर्ता पैदा होंगे।

इस भीम महोत्सव 2024 कार्यक्रम में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के कर्जत तालुका अध्यक्ष हिरामण भाई गायकवाड, जिवण गायकवाड, किशोर गायकवाड, अंकुश सुरवसे, विजय गायकवाड, गणेश कांबळे, अशोक गायकवाड, अलकाताई सोनवणे, सुरेखाताई कांबळे, नितीन सोनावणे, जगदीश शिंदे, निलेश गायकवाड, अक्षता गायकवाड, अध्यक्ष शैलेश पवार, दौलत ब्राम्हणे, के के गाडे, मनोहर ढोले, उमेश गायकवाड, सचिन भालेराव, सचिन गायकवाड, सुनिल गायकवाड, गणपत गायकवाड, विश्वनाथ बडेकर, महोत्सव समिति के सभी पदाधिकारी, भीम अनुयायी, बहुजन बंधु सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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