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निजीकरण के माध्यम से सरकारी नौकरिया समाप्त करेंने की साजिश:- पूर्व जज श्री प्रभाकर ग्वाल

चतुर्थ बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ छात्र सम्मेलन संपन्न

जांजगीर छत्तीसगढ़ २८ ( प्रतिनिधि ) :- बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ द्वारा ‘चतुर्थ वर्ष’ दो दिवसीय छात्र सम्मेलन शारदा मंगलम, जांजगीर में संपन्न हुआ।

प्रथम दिवस के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार श्री के. आर. मारकंडेजी, विशिष्ट अतिथि पूर्व सी. बी. आई. जज श्री प्रभाकर ग्वाल साहब , द अशोक टाईगर प्रमुख श्री हेमंत गढवाल, डॉ. अमित मिरी, डॉ. शिवकुमार बंजारे, एडवोकेट झान्नेंद्र महिलांग, श्री ए डी आज़ाद रहें। कार्यक्रम के संयोजक बापसा छात्र संघ के अध्यक्ष श्री गणेश कोशले ने किया।

देश में समय समय पर जन्में महामानवों के छायाचित्र में दीप प्रज्जवलित करके व भारतीय संविधान के उद्देशिका के पठनकर कार्यक्रम की शुरुआत हुआ।

संत शिरोमणि गुरु रैदास महराज जी की जयंती को भव्य रूप से मनाया गया। पूर्व जज ग्वाल साहब ने अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ होने वाले समस्याओं पर विस्तार से बताया। कॉलेजो में छात्रों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन कठिनाइयों के समाधान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। निजीकरण के माध्यम से सरकारी नौकरियों के समाप्त करेंने की साजिश पर बहुत ही गंभीरता पूर्वक प्रकाश डाला गया।

  प्रसिद्ध साहित्यकार के आर  मारकंडे जी ने समाज की दशा दिशाओं पर अपनी बात रखें साथ ही संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के जीवन संघर्ष एवं मानवतावादी कार्यों का विस्तार से चर्चा किया। गुरु रविदास द्वारा चलाए गए आंदोलन से मानव पर क्या असर हुआ, जिस पर विस्तार से अपनी बात रखें तथा गीत के माध्यम से उनके विचार को प्रस्तुत किया। डॉ अमित मिरी प्रोफेसर डॉ शिवकुमार बंजारे ने छात्रों के करियर के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा किया। श्री हेमंत गढ़वाल जी ने कहा कि छात्रों के करियर से संबंधित इस प्रकार करके कार्यक्रम जांजगीर में पहली बार आयोजित हुआ है। यह छात्र-छात्राओं के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा जो छात्र जीवन में आने वाली विभिन्न कठिनाइयों का समाधान करने की प्रेरणा मिलेगा और आगे चलकर छात्र पढ़ लिखकर समाज की दशा-दिशा देश के विकास में अपनी भागीदारी दे सकेगा। द्वितीय सत्र का मुख्य वक्ता डॉ एस एल ओग्रे वरिष्ठ पशु चिकित्सा जांजगीर रहे तथा डॉ आर आर भंवर कृषि वैज्ञानिक जांजगीर श्रीमती सीमा रत्नाकर श्री महेश सूर्यवंशी श्री कृष्ण कुमार तरुण श्री धनीराम रत्नाकर श्री सनत करियारे श्री महावीर विजर्सन रहे। सभी ने छात्र-छात्राओं के साथ होने वाली समस्याओं प्रकाश डाला और छात्रों को करियर मार्गदर्शन किया।

                     छात्र सम्मेलन के द्वितीय दिवस के मुख्य अतिथि श्री एस पी वैद्य साहब अपर कलेक्टर जांजगीर-चांपा विशिष्ट अतिथि डॉ लक्ष्मण भारती अजाक्स प्रदेश अध्यक्ष श्री अमित मात्रे पूर्व जज श्री रमन सर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अधिवक्ता आंचल मात्रे प्रोफेसर विनीत मन्नाडे प्रोफेसर दीनानाथ यादव प्रोफेसर अमन पंकज श्री सुशील कुमार श्री राजकुमार किरण रहे। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती बिंदिया बौद्ध द्वारा महापुरुषों के गीत प्रस्तुत कर किया गया।अपर कलेक्टर वैद्य साहब ने छात्र-छात्राओं को शिक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा छात्र-छात्राएं इसी समय पर अपने ज्ञान कौशल को विकसित कर सकता है। जिसके माध्यम से देश के शासन – प्रशासन व विभिन्न क्षेत्रों पर अपनी कला कौशल का प्रदर्शन कर सकता है व देश का नाम रोशन कर सकता है। अजाक्स प्रमुख भारती जी ने छात्र-छात्राओं को प्रशासनिक सेवा एवं सरकारी नौकरियों पर आने के बाद अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले समस्याओं पर बहुत ही गंभीरता पूर्वक विचार रखें और उस पर विस्तार से बताया। छात्र-छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में किसी से पीछे नहीं रहना चाहिए। बाबासाहब डॉ अंबेडकर से प्रेरणा लेकर के किसी भी परिस्थिति में शिक्षा ग्रहण करने से पीछे नहीं हटना चाहिए और अपनी ज्ञान का परिचय देना चाहिए। श्री अमित मात्रे पूर्व जज छात्र-छात्राओं की कैरियर मार्गदर्शन किया।

                                                    छात्र सम्मेलन में सम्मिलित  छात्रों ने विश्वविद्यालय में एससी, एसटी एवं ओबीसी छात्रों की समस्या एवं चुनौतियां तथा निजीकरण के दौर में शासकीय नौकरी, सुरक्षा व विकल्पित आयाम और समाधान व उच्च शिक्षा से छात्रों के विमुख होने के कारणों पर तथा साथ ही विद्यार्थियों की करियर के विविध आयामों पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। छत्तीसगढ़ के वर्तमान समय की गंभीर समस्याओं के साथ-साथ हंसदो अरण्य जंगल को शासन-प्रशासन द्वारा कटवाए जानें का विरोध में प्रस्ताव पारित किया। क्योंकि हंसदेव जंगल के काटने से छत्तीसगढ़ पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पर्यावरण पर पड़ने वाला है। जिस स्थान पर कार्यक्रम आयोजित है इस क्षेत्र पर इसका बहुत ही ज्यादा अधिक दुष्परिणाम होने वाला है। जिस पर छात्र-छात्राओं ने बड़ी ही गंभीरता से उसको बचाने के लिए प्रस्ताव पारित किया। सभी प्रतिभागियों ने इन सभी विषयों पर अपने विचार रखें। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विकास भारद्वाज, जितेंद्र पात्रे, राजकुमार किरण, सुमित कुमार खांडेकर, देवेंद्र यादव, सूर्यकांत यादव, हरिराम पटेल, अभिलाष लहरे, सुशील डहरिया, शशि कोसले, हरजीत दिवाकर, प्रमोद विजय, अमन पंकज, दिनेश प्रधान, छत्रपति सुनानी, अनिल बौद्ध, अधिवक्ता दुर्गेश बौद्ध सिद्धार्थ कुमार, दीपक कुमार, आनंद प्रकाश, नवदीप सूर्यवंशी, विक्रम रात्रे आदि छात्र-छात्राओं का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम के संयोजक श्री गणेश कोशले ने कार्यक्रम को सफल बनाने में मार्गदर्शन व सहयोग करने वाले सभी लोगों का तहेदिल से धन्यवाद प्रेषित किया।

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