मतदान से पहले मतदाताओं थोड़ा सोचो।
सत्ता पूंजीपतियों के हातो में गई तो, देश कि जनता फिर से गुलाम बनेगी।
आप सभी भली भांती जानते है की वैश्विकरण, निजिकरण, उदारीकरण ई. की शुरआत सन 1992 में हुई थी। उस वक्त कांग्रेस सरकार थी उन्होंने इस गहन मुद्देपर विरोध न करते हुवे सहजता से अपना लिया औंर अन्य देशो कि तरह उस निति पर मोहर लगा दी।
भारत की जनता 2024 में भी इसकी दाहकता महसुस कर रही हैं। इसके भयावह परिणामो की शृंखला बढती जा रही हैं। देश की युवा पिढी बेरोजगारीसे झूंज रही है। हालांकी निजीकरण होते हुवें भीं इस समस्या का हल निकल सकता था। लेकीन निष्क्रियता औंर इच्छा शक्ती न होने के कारण कुछ हो ना सका। आज तक कोई रुलिंग पार्टी ने इस पर काम नही किया। क्यो की, वह चाहती है की,गरीबी, बेकारी ई. समस्यायें चलती रहे। उनका राजपाट चलता रहे। इसी राजकर्ताओकें मानसिकता के वजह से जितना भारत का विकास होना चाहिए था, उतना हो न सका। यह कडवा सच हैं।
डॉ बाबासाहेब आंबेडकरजी ने कहा था की, सत्ता पूंजीपतियों के हातो में गई तो, देश कि जनता फिर से गुलाम बनेगी। इसका प्रत्यय 2014 से आ रहा है। विद्यमान सरकार धनिको को मालामाल औंर निर्धन को गरीबी की खाई मे धकेल रही हैं। पूंजीपतियों को कर्जे, सेवा, सुविधा लुटा रहे हैं। सरकारने मानो उन्हे गब्बर बनाने की ठान ली हो। विपक्ष औंर जनता बेबस, लाचार होकर फटी आँखोसे राजनीती का खेल सरे आम देख रही हैं। अब तक ज्यादातर निर्णय असंविधानीक तरह से लिये गये। जैसे काश्मीर से जुडा 370 का मसला। जिसमे विपक्ष की राय नही ली गई। उन्हे भी साजिशो के तले दबाया गया।
भारतीय संविधान के धर्म निरपेक्षता, बंधुता इन मुल्योंको सुली पर चढा कर हिंदू धर्म को सरकार, उजागर कर रही है। यह कृती भारतीय संविधाननुसार अपमान जनक हैं। यह भारत की अखंडता, एकात्मता, एकीकरण खतरे में आने के संकेत हैं। ऐसे संविधान विरोधी काम करने वाले को आने वाले समय में रोकना होगा।
आज अमीर – गरीब में खाई बढती जा रही हैं। पूंजीपति मित्रों को साहयता करने की सरकार की निति की वजह से महंगाई दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। ताकी गरीब रोटी की तलाश में मेहनत करे। वह रस्ते पर आकर संघर्ष कर ही नही पाये ऐसी हालात निर्माण कर रखी हैं।
लेकीन इस परिस्थिती को बदलने की ताकत हमें संविधान ने दी हैं।” एक वोट का अधिकार” इस वोट की किंमत कोई भी नहीं लगा सकता, वह वोट अमूल्य हैं।
यही वोट किसी के दबाव या लालच में न आकर हर भारतीय मतदाता सही प्रत्याशी को मतदान करेंगे तो देश की सुरत बदलेगी ।।।
लेखक : कालिदास रोटे
ऑनररी रीजनल हेड, बहिष्कृत न्यूज